[vc_row css=”.vc_custom_1536317506674{background-color: #ffffff !important;}”][vc_column][vc_single_image image=”17780″ img_size=”full” alignment=”center” onclick=”custom_link” img_link_target=”_blank” css_animation=”bounceInUp” link=”http://https://www.kisansuvidha.com/shop/all-products/?swoof=1&product_cat=organic-products”][vc_column_text]जैविक खेती किसान एवं पर्यावरण के लिए लाभ का सौदा है। जैविक खेती से किसानो को काम लगत में उच्च गुणवत्ता पूर्ण फसल प्राप्त हो सकती है। इससे भूमि की गुणवत्ता में सुधार होता है। रासायनिक खादों के उपयोग से भूमि बंजरपन की ओर बढ़ रही है। जैविक खादों से उसमें जिन तत्वों की कमी होती है वह पूर्ण हो जाती है एवं उसकी गुणवत्ता में अभूतपूर्व वृद्धि हो सकती है। जैविक कीटनाशकों एवं जैविक खादों के उपयोग से जमीन की उपजाऊपन में वृद्धि होती है।इसमें सिंचाई की कम लागत आती है क्योंकि जैविक खाद जमीं में लम्बे समय तक नमी बनाये रखतें हैं जिससे सिंचाई की आवश्यकता रासायनिक खेती की अपेक्षा काम पढ़ती है।रासायनिक खादों के उपयोग से ज़मीन के अंदर फसल की उत्पादकता बढ़ने वाले जीवाणु नष्ट हो जाते हैं जिस कारण फसल की उत्पादकता कम हो जाती जैविक खाद का उपयोग कर पुनः उस उत्पादकता को प्राप्त किया जा सकता है।जैविक खेती से भूमि की जल धारण शक्ति में वृद्धि होती है। रासायनिक खाद भूमि के अंदर के पानी को जल्दी सोख लेते हैं जबकि जैविक खाद जमीं की ऊपरी सतह में नमी बना कर रखते हैं जिससे जमीन की जल धारण शक्ति बढ़ती है।किसान की खेती की लागत रासायनिक खेती की तुलना में करीब 80 % कम हो जाती है। इन दिनों रासायनिक खादों की कीमतें आसमान छू रही है जैविक खाद बहुत ही सस्ते दामों में तैयार हो जाता है।जैविक खेती से प्रदूषण में कमी आती है रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों से पर्यावरण प्रदूषित होता है। खेतों के आसपास का वातावरण जहरीला हो जाता है जिससे वहाँ के वनस्पति, जानवर एवं पशु पक्षी मरने लगते हैं। जैविक खादों एवं कीट नाशकों के प्रयोग से वातावरण शुद्ध होता है।जैविक खेती से उत्पादों की गुणवत्ता रासायनिक खेती की तुलना में कई गुना बेहतर होती है एवं ऊँचे दामों में बाजार में बिकते हैं|स्वास्थ्य की दृष्टि से जैविक उत्पाद सर्वश्रेष्ठ होते हैं एवं इनके प्रयोग से कई प्रकार के रोगों से बचा जा सकता है।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column css=”.vc_custom_1536317770984{margin-bottom: 20px !important;border-top-width: 20px !important;background-color: #ffffff !important;}”][vc_tabs interval=”0″][vc_tab title=”Organic Farming (जैविक खेती)” tab_id=”f9e7bc3f-5da6-4″][mkdf_blog_list type=”grid-type-1″ number_of_columns=”4″ order_by=”date” order=”DESC” hide_image=”” image_size=”square” style=”dark” number_of_posts=”100″ category=”organic-farming” text_length=”70″][/vc_tab][vc_tab title=”Organic Products (जैविक उत्पाद)” tab_id=”098f50f0-5886-1″][product_category per_page=”12″ columns=”4″ orderby=”title” order=”ASC” category=”organic-products”][/vc_tab][/vc_tabs][/vc_column][/vc_row]

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