हाल के वर्षों में औषधीय पादपों की मांग केवल देश के भीतर ही नहीं बढ़ी है बल्कि निर्यात के लिए भी उनकी मांग में भारी तेजी आई है […]
बाबची की खेती
परिचय बाबची एक औषधीय खरपतवारी है, जो सीधा बढ़ता है, इसकी डालियों पर धब्बे से रहते हैं । पत्ती गोल तथा इसके दोनों ओर काले धब्बे रहते हैं […]
कालमेघ की खेती
परिचय कालमेघ खरीफ मौसम का खरपतवार है जो कि पड़ती जगहों पर, खेतों की मेढ़ों पर उगता है यह सीधा बढ़ने वाला शाकीय पौधा है । इसकी ऊँचाई […]
कलौंजी की खेती
परिचय कलौंजी के बीजों का औषधि के रूप में प्रयोग होता है । इसके बीजों को कृमिनाशक, उत्तेजक, प्रोटोजोवा रोधी के रूप में उपयोग किया जाता है । […]
अश्वगंधा की खेती-मध्यप्रदेश
अश्वगंधा एक औषधीय फसल है जिसका उपयोग आयुर्वेदिक तथा यूनानी औषधियों में बहुतायत से किया जाता है । मध्यप्रदेश में अभी मालवा क्षेत्र में इसकी खेती मंदसौर जिले […]
सफेद मूसली की खेती
परिचय सफेद मूसली लिलिएसी कुल का महतवपूर्ण औषधीय पौधा है जिसकी जड़ें आयुर्वेदिक दवाओं में बहुतायत से प्रयोग में लाई जाती है । इसकी वार्षिक उपलब्धता लगभग 5000 […]
बच की खेती
परिचय बच एक महत्वपूर्ण औषधीय व संगधीय पौधा है अंग्रेजी में इसे स्वीट फ्लैग कहते हैं । स्थानीय भाषा में सफेद बच उग्रगंधा या घोड़ा बच के नाम […]
आमा हल्दी की खेती
परिचय आमा हल्दी का वानस्पतिक नाम कुरकुमा एमाड़ा है तथा यह जिंजीवेरेशी कुल की सदस्य है । आमा हल्दी का उत्पादन आन्ध्रप्रदेश, उड़ीसा, बिहार, तामिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश […]
तीखुर की खेती / Tikhur farming
परिचय तीखुर या ईस्ट इण्डियन आरारोट को तिकोरा भी कहा जाता है, इसके राइजोम को औषधीय उपयोग में लाया जाता है । भारतीय वन्य भूमि पर यह प्राकृतिक […]
ब्राम्ही की खेती
परिचय ब्राम्ही एक स्क्रोफुलेरिऐसी कुल का बहुवर्षीय भूस्तरी शाक है । इसकी शाखायें ऊपर की ओर बढ़ती हैं । जिसकी प्रत्येक ग्रंथी पर अनेक फूल – फल लगते हैं […]
काली हल्दी की खेती
परिचय काली हल्दी या नरकचूर एवं औषधीय महत्व का पौधा है । जो कि मुख्य रूप से बंगाल में बृहद स्तर पर उगाया जाता है । इसका उपयोग […]
अश्वगंधा की खेती / Ashwagandha farming
परिचय अश्वगंधा आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में प्रयोग किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पौधा है। इसके साथ-साथ इसे नकदी फसल के रूप में भी उगाया जाता है। भारत में […]