मटर का प्रयोग हरी अवस्था में फलियों के रूप में सब्जी के लिए तथा सूखे दानों का प्रयोग दाल के लिए किया जाता हैं। मटर एक बहुत ही […]
उतेरा खेती की आवश्यकता एवं महत्व
वर्तमान मे देश की बढ़ती जनसंख्या को भोजन उपलब्ध कराने के लिये सघन खेती ही एकमात्र विकल्प बनता जा रहा है, क्योकि बढ़ती जनसंख्या के दबाव के कारण […]
मटर फल्ली से लाभ कमायें फसल अवशेष से हरी खाद बनायें
मटर की बोनी का रकवा बढ़ता जा रहा है । मटर की फसल की बोवाई के 60 – 65 दिन बाद फल्लियों की 3 – 4 बार तोड़ाई […]
Pea diseases and their Management
Major Pea diseases are given below:- 1.Fusarium wilt: Fusarium oxysporum f.sp. pisi Symptom: The first symptom of the disease in the field is drooping of the plants followed by […]
मटर के प्रमुख कीट एवं रोग
मटर के प्रमुख कीट एवं रोग इस प्रकार है:- मटर के प्रमुक कीट एवं नियंत्रण १.माँहू (एफिड) इस कीट का प्रकोप जनवरी के महीने से आरम्भ हो जाता […]
मटर की किस्में
मटर की किस्में इस प्रकार है:- १.पूसा प्रभात (डी.डी.आर. 23) विमोचन वर्षः 2001 (सी.वी.आर.सी.) अनुमोदित क्षेत्रः बिहार, उत्तर प्रदेश, प. बंगाल, असम परिस्थितियांः सिंचित व बारानी अवस्थाओं के […]
मटर की उन्नत खेती / Pea cultivation
परिचय शीतकालीन सब्जियो मे मटर का स्थान प्रमुख है। इसकी खेती हरी फल्ली (सब्जी), साबुत मटर, एवं दाल के लिये किया जाता है। मटर की खेती सब्जी और […]
Pea( Matar ) cultivation practices in Tamilnadu
Introduction Pea (Hindi: Matar), is cultivated for its tender and immature pods for use as a vegetable and mature dry pods for use as a pulse. In both […]