सोयाबीन की उन्नत किस्में इस प्रकार है :-
1.पूसा सोयाबीन-14 (डी.एस. 26-14)
विमोचन वर्षः 2013 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)
अनुमोदित क्षेत्रः राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली
परिस्थितियां: सिंचित अवस्था में पछेती बुवाई के लिए
औसत उपजः 20-30 कुन्तल/हेक्टेयर
विशेषताएं: इस किस्म ने उच्चतम उपज वाली किस्म एस.एल. 525 से भी अधिक सार्थक उपज (8.9 प्रतिशत) प्रदर्शित की है। यह एक मध्यम दाने वाली किस्म है, जिसके 100 दानों का वजन 9.93 ग्राम है। दानों में तेल की मात्रा 20.26 प्रतिशत है, जो सोयाबीन में अधिक तेल की श्रेणी में आती है। पीले मोजैक विषाणु, राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाइट तथा बैक्टेरियल पसच्युल के लिए प्रतिरोधी है।इसकी बीज जीवन्तता अवधि लम्बी है।
2.पूसा 9712
विमोचन वर्षः 2005 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)
अनुमोदित क्षेत्रः राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली
परिस्थितियां: सिंचित अवस्था में समय पर बुवाई के लिए
औसत उपजः 20.5 कुन्तल/हेक्टेयर
विशेषताएं: यह किस्म पीत मोज़ैक वाइरस, सोयाबीन मोज़ैक वाइरस, जीवाण्विक स्पाट, काला विगलन, माइरोथेसियम पत्ती धब्बा और तना मक्खी की प्रतिरोधी है। यह जल्दी पकने वाली (116 दिन) किस्म है।
3.पूसा सोयाबीन-12 (डी.एस. 12-13)
विमोचन वर्षः 2013 (सी.वी.आर.सी.)
अनुमोदित क्षेत्रः पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश एवं बिहार
परिस्थितियां: सिंचित अवस्था में सामान्य समय पर बुवाई
औसत उपज: 22.9 कुन्तल/हेक्टेयर
विशेषताएं: यह एक माटे दान वाली किस्म है, जिसके 100 दाना का वजन 10.53 ग्राम है इसके बीजो की लम्बी जीवन्तता अवधि है| तथा तले की मात्रा अधिक (19.60 प्रतिशत) है।पीले मोजैक विषाणु राइजक़्टोनिया एरियल ब्लाइट तथा बैक्टीरियल पसच्यलु के लिए प्रतिरोधी है इसका अनुकरण एवं खेत आविभार्व बहतु अच्छा है,इसीलिए खेत में सही पौध संख्या बनी रहती है आरै पैदावार अधिक हाते है|
4.पूसा 9814
विमोचन वर्षः 2006 (सी.वी.आर.सी.)
अनुमोदित क्षेत्रः उत्तरी मैदानी क्षेत्र
परिस्थितियां: सिंचित अवस्था में समय पर बुवाई के लिए
औसत उपजः 22.5 कुन्तल/हेक्टेयर
विशेषताएं :यह किस्म पीत मोज़ैक वाइरस, सोयाबीन मोज़ैक वाइरस, फली झुलसा एवं काला विगलन की प्रतिरोधी है तथा तना मक्खी के प्रति सहिष्णु है।
Source-
- iari.res.in
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