सुगन्धित धान एवं बासमती किस्में

सुगन्धित धान की किस्में इस प्रकार है:-

१.पूसा बासमती 1509

विमोचन वर्षः  2013 (सी.वी.आर.सी.)

अनुमोदित क्षेत्रःपंजाब एव  दिल्ली के बासमती उगाने वाले क्षेत्र

परिस्थितियांः  सिंचित अवस्था में समय पर रोपाई के लिए

औसत उपजः  50-55 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएंः  इसके  पौधे  अर्ध  बौने  एवं  गिरने  के  प्रति  प्रतिरोधक  है  तथा  पकने  पर  इसके  दाने झ्ड़ते नहीं है। यह पर्ण झुलसा व भूरा धब्बा रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है। यह बासमती धान की कम अवधि में पकने वाली किस्म (115-120 दिन) है। इसमें तीव्र सुगंध है, इसके दाने तथा उनकी पकाने की गुणवत्ता (अतिरिक्त  लम्बे  सीधे  दाने  (8.19  मी.मी.)  पकने के बाद दाने की बहुत अच्छी लम्बाई (18.2 मी.मी.) पसा बासमती 1121 स अच्छी है

 

२.पूसा 1612

अनुमोदित क्षेत्रः  पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एवं जम्मू व कश्मीर

परिस्थितियांः  सिंचित अवस्था में रोपाई वाली  अवस्था के  लिए

औसत उपजः  55-60 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएंः  यह  किस्म  पूसा  सुगन्ध  5  का  विकसित  रूप है, जिसकी पैदावार पूसा सुगन्ध 5 के बराबर  है।  यह  ब्लास्ट  बीमारी  के  प्रति  प्रतिरोधी है तथा 120 दिनों में पक जाती है। इस किस्म में लीफ ब्लास्ट बीमारी के प्रतिरोधक जीन पीआईजैड 5 एवं पीआई 54विद्यमान हैं। पैदावार की दृष्टि से यह किस्म पूसा बासमती-1, तरावड़ी बासमती एवं पूसा बासमती 1121 से अच्छी है।

 

३.पूसा बासमती 6 (पूसा 1401)

विमोचन वर्षः  2008 (सी.वी.आर.सी.)

अनुमोदित क्षेत्रःपंजाब, हरियाणा, पश्चिम बगल, उत्तर प्रदेश एवं  उत्तराखण्ड

परिस्थितियांः  सिंचित अवस्था में बुवाई/रोपाई के लिए

औसत उपजः  50-55 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएंः  धान की यह मध्यम बोनी  किस्म है  जो पकने पर गिरती नही  है।दाना  की समानता व पकान गुणवत्ता के हिसाब से यह किस्म पूसा  बासमती 1121 से  बहुत ही अच्छी है  क्यूंकि  इसका दाना पकाने पर एक समान रहता है |इसमें  बहुत ही अच्छी सुगंध आती है  तथा दुधिया दाना की संख्या  4  प्रतिशत से  कम है ।इसकी पकने की अवधि 150-155 दिन है।

 

४.उन्नत पूसा बासमती 1 (पूसा 1460)

विमोचन वर्षः  2007 (सी.वी.आर.सी.)

अनुमोदित क्षेत्रः पंजाब, हरियाणा, प. उत्तर प्रदेश एव उत्तराखण्ड

परिस्थितियांः  सिंचित अवस्था में बुवाई/रोपाई के लिए

औसत उपजः  55-60 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएंः  यह पूसा  बासमती-1 में  जीवाणु पूर्ण   झुलसा प्रतिरोधक  क्षमता का समाहित करके एक्स ए 13 व एक्स ए 21 जीनो  का पिरामिडीकरण (मार्कर सहित बैक  क्रास प्रजनन विधि द्वारा) करके  तथा पूसा  बासमती-1 के सस्य गुण सुरक्षित रखते हुए विकसित की गइ र्है ।यह किस्म 135-140 दिना में  पक कर तैयार हो जाती है ।पकाने में  इसके दानो की गुणवत्ता बहुत  अच्छी है और इसमें दुधिया दानो  की संख्या  10 प्रतिशत से कम पाइ गई है|

 

५.पूसा सुगन्ध 5 (पूसा 2511)

विमोचन वर्षः  2005 (सी.वी.आर.सी.)

अनुमोदित क्षेत्रः  दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर  प्रदेश और जम्मू-कश्मीर

परिस्थितियांः  सिंचित अवस्था में रोपाई के लिए

औसत उपजः  55-60 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएंः  यह अर्ध बौनी उच्च उपज देने वाली सुगन्धित चावल की किस्म, उत्तर भारत में बहुफसलीय पद्धति के लिये उत्तम है। दाने अच्छी सुगन्ध वाले,  अधिक  लम्बे  एवं  इसमें  पकाने  की  गुणवत्ता सर्वोत्तम है। यह किस्म झड़ने के प्रति सहिष्णु है। यह गाॅल मिज, भूरे धब्बे की प्रतिरोधी,पत्ती लपेटक व ब्लास्ट के प्रति मध्यम प्रतिरोध था 120-125 दिना  में पक
कर तैयार हो  जाती है।

 

६.पूसा बासमती 1121

विमोचन वर्षः  2003 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)

अनुमोदित क्षेत्रः पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड तथा बासमती धान उगाने वाले समस्त क्षेत्र

परिस्थितियांः  सिंचित अवस्था में रोपाई के लिए

औसत उपजः  40-45 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएंः  यह किस्म 140-145 दिनो   में  पक जाती  है  जो  तरावडी़  बासमती से 15 दिन अगेती है । इसका दाना लम्बा (8.0 मि.मी., पकाने के  बाद लगभग 20 मि.मी.) व पतला है जो गुणवत्तायुक्त निर्यात योग्य  अधिक उपज दनवाली किस्म है।

 

७.पूसा आर.एच. 10 (संकर धान)

विमोचन वर्षः  2001 (सी.वी.आर.सी.)

अनुमोदित क्षेत्रः  पंजाब,  हरियाणा,  दिल्ली,  पश्चिमी  उत्तर प्रदेश उत्तराखंड

औसत उपजः  65-70 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएंः  यह बासमती गुणों वाली धान की विश्व में  प्रथम संकर  किस्म है।इसका  दाना  अत्यधिक सुगन्धित , लम्बा व पतला  है जो पकने पर लम्बाई में दोगुना बढ़  जाता है और अधिक स्वादिष्ट होता है ।यह एक मध्यम बाैनी , जल्दी पकने वाली (110-115 दिन) किस्म है  जिससे  सिचाई (पानी) की बचत होती है।यह किस्म उत्तरी भारत में गेंहू धान फसल प्रणाली के लिए उपयुक्त है|

 

८.पूसा सुगन्ध 3

विमोचन वर्षः  2001 (सी.वी.आर.सी.)

अनुमोदित क्षेत्रः  पंजाब,  हरियाणा,  दिल्ली,उत्तराखण्ड

परिस्थितियांः  सिंचित अवस्था में रोपाई के लिए

औसत उपजः  55 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएंःयह अर्द्ध  बौनी, अधिक उपज दनवाली, बासमती गोणों से परिपूरण किसम है इसका दाना लम्बा, बारीक और सुगन्धित है जो पकने पर  लम्बाई में  बढत़ा है तथा खाने में मुलायम और स्वाद में अच्छा है  यह  किस्म  पकने  में मध्यम अगेती होने की वजह से बहुफसलीय  चक्र जैसे  कि धान-सब्जी (पालक, मूलि, आलू -गेंहू-मूंग  के  लिए उपयक्त है।

 

९.पूसा सुगन्ध 2

विमोचन वर्षः  2001 (सी.वी.आर.सी.)

अनुमोदित क्षेत्रः  पंजाब,  हरियाणा,  दिल्ली,  पश्चिमी  उŸार  प्रदेश और उत्तराखण्ड

परिस्थितियांः  सिंचित अवस्था में रोपाई के लिए

औसत उपजः  55 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएंः  यह  अर्ध  बौनी,  अधिक  उपज  देने  वाली,  बासमती गुणों से परिपूर्ण किस्म है। दाना लम्बा, बारीक और सुगन्धित है जो पकाने पर लम्बाई में दोगुना बढ़ता है तथा खाने में मुलायम और स्वाद में अच्छा है। यह किस्म पकने में   मध्यम आगेती  (120-125 दिन) होने के  कारण बहुफसलीय चक्र के लिए उपयुक्त है।

 

१०.पूसा बासमती 1

विमोचन वर्षः  1989 (सी.वी.आर.सी.)

अनुमोदित क्षेत्रः पंजाब , हरियाणा, प. उत्तर प्रदेश एवं  उत्तराखण्ड

परिस्थितियांः  सिंचित अवस्था में रोपाई के लिए

औसत उपजः  50-55 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएंः  यह बासमती धान की एक प्रथम मध्यम बौनी किस्म है। इसका दाना अत्यधिक, लम्बा तथा पकाने पर मुलायम व सुगन्धित होता है। हमारे देश के बासमती चावल के निर्यात में लगभग 50 प्रतिशत योगदान इसी किस्म का है। यह किस्म उत्तरी भारत में गेहूँ – धान फसल  प्रणाली  के  लिए  उपयुक्त  है।  यह किस्म 130-135 दिन में पक जाती है।

 

 

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