परिचय
- लाइट ट्रैप फसलों के हानिकारक कीटों को नियन्त्रण करने हेतु एक प्रमुख ट्रैप है ।
- यह फसलों में कीट निगरानी प्रोग्राम का एक प्रमुख घटक है ।
- हानिकार कीड़ों की विभिन्न मौसमों में गतिविधियों को जानने हेतु यह एक अच्छा यन्त्र है ।
प्रमुख कीड़े जो लाईट ट्रैप में ट्रैप होते है-
फसल | कीट |
धान | पत्ती मोड़क, तना छेदक |
कपास | स्पोडोपटेरा कीट |
दलहन | फली छेदक, स्पोडोपटेरा कीट, अर्धचापक कीट, कटवाकीट |
मक्का | तना छेदक |
मूंगफली | लाल बालों वाली सूंडी का व्यस्क कीट, पत्तियों में सुरंग बनाने वाला कीट, सफेद सूंडी का व्यस्क कीट
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सोयाबीन | अर्धचापक कीट, स्पोडोपटेरा कीट |
गन्ना | अंगोला छेदक, पाईरिला, तना छेदक, शीर्ष बेधक, सफेद सूंडी का व्यस्क कीट |
ज्वार | तना छेदक कीट |
बैंगन | फल छेदक कीट |
टमाटर | फल छेदक कीट |
फूल एवं बंद गोभी वाली फसलें | स्पोडोपटेरा कीट, पत्ता छेदक |
ठण्डे इलाके के फल | जिस्पी कीट, कोडलिंग कीट, कटवा कीट |
खजूर | शाखा बेधक कीट |
जंगल के वृक्ष | छेदक कीट, कटवा कीट का व्यस्क, बालों वाली कीट का व्यस्क |
अन्य | छेदक कीट, कटवा कीट का व्यस्क, बालों वाली कीट का व्यस्क, सफेद सूंडी का व्यस्क कीट |
फसल में लगाने की प्रक्रिया
- फसल के मध्य में लाईट ट्रैप को ( 1 लाईट ट्रैप प्रति हैक्टेयर ) लगाए ।
- अच्छे परिणामों के लिए सूर्य अस्त के बाद 2 घंटे तक चालू रखें ।
लाभ
- इनका प्रयोग खेत में प्रकाश की तरफ आकर्षित होने वाले कीटों को पकड़ने व निगरानी के लिए किया जा सकता है । इसमें नर एवं मादा दोनों प्रकार के कीट फंस जाते हैं ।
- इस ट्रैप में लाभदायक कीट जो जानिकारक कीट के अपेक्षा प्रायः छोटे आकार के होते हैं एवं ये कीट फंस कर नहीं मरते बल्कि ये छोटे – छोटे छिद्रों से बाहर आ जाते हैं ।
- इसके इस्तेमाल से रसायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल कम किया जा सकता है ।
- यह यंत्र टिकाऊ होता है एव साल – दर – साल प्रयोग में लाया जा सकता है ।
लाईट ट्रैप के विभिन्न माॅडल
- सौर ऊर्जा द्वारा संचालित
- बैट्री द्वारा संचालित
- विद्युत द्वारा संचालित
स्रोत-
- भा.कृ.अनु.प.-राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन अनुसंधन केन्द्र, नई दिल्ली