रक्षक फसल लगाईये सब्जियों को ज़हर से बचाइए

रक्षक फसलों का उपयोग

रक्षक फसल एक आकर्षक जाल पौधे होते है जो एक महत्वपूर्ण समय अवधि के दौरान मुख्य फसल के कीट आक्रमण को आकर्षित कर मुख्या फसल को आक्रमण से बचाते है|

रक्षक फसल लगाने के उद्देश्य एवं समय

वास्तव में रक्षक फसल को कीट के लिए एक विकल्प के रूप में उपलब्ध किया जाता है जिससे मुख्य फसल पर उनका आक्रमण कम किया जा सके | प्राय: रक्षक फसल को मुख्य फसल के पहले , साथ में एवं बाद में उगाया जाता है| रक्षक फसल लगाने का समय इस बात पर निर्भर करता है की विभिन्न कीटों का आक्रमण मुख्य फसल की किस वानस्पतिक अवस्था पर होता है|रक्षक फसल कीट आक्रमण के दौरान ठीक उसी अवस्था में हों जो कीट के लिए प्रिय है|

कीटों का नियंत्रण

जब कीटों का आक्रमण रक्षक फसलों में अधिक हो जाता है एवं मुख्य फसल में कीट आक्रमण की संभावनाएं बढ़ जाती है तब इन रक्षक फसलों में उचित कीटनाशकों को छिडकाव कर कीटों की संख्या को नियंत्रित किया जाता है | इस तरह हमारी लागत एवं समय की बचत होती है एवं प्राकृतिक संतुलन भी बना रहता है|

रक्षक फसलों के लिए उपयुक्त फसल

१. फसलों की जो किस्म लगाई जा रही है उसी किस्म को रक्षक फसल के रूप में मुख्य फसल के पहले लगाकर रक्षक फसल के लिए उपयोग किया जाता है, ताकि वह कीटों के लिए भोजन की पूर्ती कर सके एवं मुख्य फसल कीट आक्रमण से सुरक्षित रहें|

२. मुख्या फसल के साथ दूसरी फसलों को लगाना|

रक्षक फसल लगाने के तरीके

१.  रक्षक फसल को मुख्य फसलों के बीच में कतारों में लगाना जिससे कीटों के आक्रमण को कम किया जा सके|

उदाहरणार्थ:

  • बैंगन की फसल में फल एवं तना छेदक से बचाव हेतु बैंगन की दो कतार के बीच में धनिया या मेंथी की एक कतार लगाना |
  • टमाटर की फसल में लीफ माइनर,एफिड ,फल छेदक से बचाव हेतु टमाटर की १४ कतारों के बाद में आफ्रीकी गैंदे की दो कतार लगाना|

२. रक्षक फसलों को मुख्या फसलों के चारो ओर लगाना जिससे कीटों को चारे के रूप में फसल उपलब्ध हो सके |

उदाहरणार्थ:

  • गोभीय वर्गीय फसलों के लिए सरसों की फसल लगाना|

 

Source-

  • Indira Gandhi Krishi VishwaVidyalaya, Raipur

 

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