मूली की उन्नत किस्में इस प्रकार है:-
१.पूसा चेतकी
विमोचन वर्षः 1988 (सी.वी.आर.सी.)
अनुमोदित क्षेत्रः सम्पूर्ण भारत
औसत उपजः 250 कुन्तल/हेक्टेयर
विशेषताएंः पूर्णतया सफेद मूसली, नरम, मुलायम, ग्रीष्म ऋतु की फसल में कम तीखी़, 15-22 सें.मीलम्बी व मोटी जड़, पत्तिया थोड़ी कटी हुई, गहरी हरी एवं उध्र्वमुखी, 40-50 दिनों में तैयार ग्रीष्म एवं वर्षा ऋतु हेतु उपयुक्त फसल (अप्रैल-अगस्त)।
२.पूसा मृदुला
विमोचन वर्षः 2005 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)
अनुमोदित क्षेत्रः सम्पूर्ण भारत
औसत उपजः 135 कुन्तल/हेक्टेयर
विशेषताएंः लट्टू के आकार की जड़, चमकीला लाल रंग, आकार (2.9 4.1 सें.मी.), मुलायम एवं मृदु-तीखा स्वाद, गहरी हरी पत्तिया, बुवाई के 20-25 दिनों बाद तैयार, शीत ऋतु हेतु उपयुक्त फसल (सितम्बर-फरवरी)।
३.पूसा जामुनी
विमोचन वर्षः 2013 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)
अनुमोदित क्षेत्रः दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र
औसत उपजः 500 कुन्तल/हेक्टेयर
विशेषताएंः पौष्टिकता से भरपूर बैंगनी गूदे तथा अनूठे गुणों वाली पहली मूली किस्म। वर्तमान किस्मों की तुलना में जड़ आकार, आकृति, उपज तथा उपभोक्ता की पसंद के मामले में बेहतर। उच्चतर एन्थोसायनिन (8.04 मि.ग्रा . /100 ग्रा. एस्काबिर्क अम्ल (44.8 मि.ग्रा . /100 ग्रा.) मात्रा। परिपक्वता अवधि 55-60 दिन।
४.पूसा गुलाबी मूली
विमोचन वर्षः 2013 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)
अनुमोदित क्षेत्रः दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र
औसत उपजः 600 कुन्तल/हेक्टेयर
विशेषताएंः पौष्टिकता से भरपूर पहली सम्पूर्ण गुलाबी गूदे तथा अनूठे गुणों वाली मूली किस्म। वर्तमान किस्मों की तुलना में मध्यम जड़ आकार, बेलनाकार आकृति तथा अनुकूल उपज एवं उपभोक्ता की पसंद के मामले में बेहतर। उच्च कुल कैरोटीनॉइड एन्थोसायनिन तथा अनुकूल एस्कार्बिक अम्ल मात्रा। परिपक्वता अवधि 55-60 दिन।
५.पूसा विधु
चिन्हित वर्षः 2013 (आई.वी.आई.सी.)
अनुमोदित क्षेत्रः दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र
औसत उपजः 400-450 कुन्तल/हेक्टेयर
विशेषताएंः जडे मध्यम, अत्यधिक सफेद व बेलनाकार आकृति। परिपक्वता अवधि 50-55 दिन।
स्रोत-
- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान