क्या करें?
- मिट्टी की जांच के आधार पर ही उर्वरक उचित मात्रा में ही डालें।
- मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बरकरार रखने के लिये जैविक खाद का उपयोग करें|
- उर्वरक छिड़कने की बजाय जड़ों के पास डालें ताकि उर्वरक का पूरा असर रहे|
- फास्फेटिक उर्वरकों का विवेकपूर्ण और प्रभावी प्रयोग सुनिश्चित करें ताकि जड़ों/तनों का समुचित विकास हो तथा फसल समय पर पके, विशेष रूप से फलीदार फसलें, जो मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिये वायुमंडलीय नाइट्रोजन का उपयोग करती है।
- अम्लीय भूमि के सुधार के लिये चूना और क्षारीय/ऊसर भूमि के लिये जिप्सम आदि का प्रयोग करें।
- भारत के लिए सहभागी जैविक गारन्टी व्यवस्था (पी.जी.एस.- इण्डिया प्रमाणीकरण) अपनाने के इच्छुक किसान अपने अथवा पास के गांव से कम से कम पांच किसानों का एक समूह बना कर इसका पंजीकरण पास के जैविक कृषि के क्षेत्रीय परिषद अथवा क्षेत्रीय केन्द्र में करायें ।
सहायता के प्रकार
क्र.सं. |
सहायता का प्रकार |
सहायता का पैमाना/ अधिकतम सीमा |
स्कीम घटक |
1. | मिट्टी की जांच एवं स्वास्थ्य कार्ड जारी करना। | राज्य सरकार द्वारा संचालित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला से निर्धारित दर पर जांच शुल्क कृषक 30 रू. व फार्म हाऊस मिट्टी का अनु. जाति का नमूना निशुल्क जांच | राज्य सरकार की योजना केअन्तर्गत |
2. | पानी के नमूने की जांच | सामान्य कृषक का रू.20 प्रति नमूना फार्म हाऊस रू.300 प्रति नमूना व अनु. जाति का नमूना निःशुल्क जांच | राज्य सरकार की योजना के अन्तर्गत |
3. | क्षारीय/उसर मिट्टी सुधार हेतु
जिप्सम/ जिंक सल्फेट/हरी खाद/ जैविक व अन्य खाद |
भूमि सुधार हेतू जिप्सम, जिंक सल्फेट, हरी खाद का बीज और कार्बनिक / जैविक खाद देना | राज्य सरकार की भूमि सुधार योजना |
4. | अम्लीय मिट्टी सुधार हेतु चुना/बेसिक स्लैग के लिए | यदि आवश्यक है तो लाइम व बैसिक फलैग देना | राज्य सरकार की भूमि सुधार योजना |
5. | जैविक खाद को बढ़ावा देने के लिए | रू.1000/- प्रति हैक्टेयर या कीमत 25% जो भी कम हो | कृषि राज्य-फार्म योजना का वृहद प्रंबन्धन |
6. | जिप्सम/पाईराइट/चूना/ डोलोमाइट की आपूर्ति | रू. 750/- प्रति हेक्टेयर | कृषि राज्य-फार्म योजना का वृहद प्रंबन्धन |
7. | समेकित पोषक तत्व प्रबंधन के लिए प्रोत्साहन | रू. 1000/- प्रति हेक्टेयर, अधिकतम 4 हैक्टेयर तक के क्षेत्र | कृषि राज्य-फार्म योजना का वृहद प्रंबन्धन |
8. | सूक्ष्म पोषक तत्व को बढ़ावा देने और वितरण हेतु | रू. 700/- प्रति हैक्टेयर | कृषि राज्य-फार्म योजना का वृहद प्रंबन्धन |
9. | वर्मी कम्पोस्ट इकाई | रू. 30000/- प्रति इकाई(एक हेक्टेयर भूमि के लिये) | राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत |
10. | जैविक खेती अपनाने के लिये | रू. 10000/- प्रति हेक्टेयर | राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत |
किससे संपर्क करें?
निकटतम खण्ड विकास अधिकारी, मिट्टी परीक्षण व भूमि सुधार इकाई, कृषि व बागवानी इकाई कार्यालय से।
Source-
- Kisan Portal , Bharat sarkar.