बैलगाड़ी योजना-मध्यप्रदेश

गौवंश को संरक्षित करने की दृष्टि से किसानों को बैलगाड़ी पर अनुदान देने बाबत् यह योजना म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा वर्ष 2007-08 से प्रारंभ की गयी है।

अनुदान की पात्रता एवं अनुदान की राशि

बैलगाड़ी के क्रय पर 2 हेक्टेयर जोत तक के सभी श्रेणी के कृषकों को अनुदान की पात्रता होगी। अनुदान की पात्रता निम्नानुसार होगी –

1. बैलगाड़ी के क्रय हेतु कीमत का 50 प्रतिशत या अधिकतम राशि रु. 5000/- प्रति बैलगाड़ी जो भी कम हो देय होगी।
2. बैलगाड़ी पर अनुदान केवल उन्हीं कृषकों को देय होगा जिनके पास पूर्व से बैलजोड़ी उपलब्ध हो किन्तु बैलगाड़ी उपलब्ध नहीं हो। इस संबंध में उनके द्वारा आवश्यक प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा अथवा जिन्हें पशुपालन विभा से बैलजोड़ी प्रदाय की गयी है।
3. म.प्र. राज्य कृषि उद्योग विकास निगम के माध्यम से बैलगाड़ियों का निर्माण कार्य कराया जावेगा तथा इनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये संचालक कृषि अभियांत्रिकी जिम्मेदार होंगे।

योजनांतर्गत हितग्राही का चयन एवं भुगतान व्यवस्था

1. योजना का क्रियान्वयन ‘‘प्रथम आये प्रथम पाये‘‘ के सिद्धान्त पर किया जायेगा|
2. कृषि विभाग की इस अनुदान योजना के तहत जिलेवार लक्ष्य संचालनालय स्तर से जिलों को भेजे जावेंगे। जिला स्तर पर यह लक्ष्य विकासखंड वार जिला पंचायत द्वारा पूर्व निर्धारित प्रक्रिया अनुसार विभाजित किये जावेंगे।
3. जिला पंचायत द्वारा अनुमोदित लक्ष्य की जानकारी उपसंचालक कृषि द्वारा सभी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों व विभागीय अमले का दी जावेगी।
4. कृषि विभाग के क्षेत्रीय अमले द्वारा विकासखंड स्तर पर विभिन्न वर्गो के हितग्राहियों की सूची लक्ष्य की तुलना में डेढ़ गुना की संख्या में तैयार की जावेगी। इस सूची का अनुमोदन जनपद पंचायत की कृषि स्थायी समिति द्वारा किया जावेगा। अनुमोदित सूची उपसंचालक कृषि को भेजी जावेगी।
5. विकासखंड से प्राप्त सूची का अंतिम अनुमोदन जनपद पंचायत की कृषि स्थायी समिति द्वारा किया जावेगा एवं हितग्राहियों को इसकी लिखित सूचना दी जावेगी।
6. हितग्राही द्वारा बैलगाड़ी के क्रय हेतु भुगतान की गई राशि के पक्के बिल की मूल प्रति तथा क्रय प्रमाण पत्र विकासखंड स्तर पर कृषि विभाग को प्रस्तुत किया जावेगा। कृषि विभाग का विकासखंड स्तरीय अमला बैलगाड़ी का भौतिक सत्यापन करेगा। इसके पश्चात अनुदान देने की अनुशंसा उपसंचालक कृषि को करेगा। बिना भौतिक सत्यापन के अनुदान की अनुश्ंासा नहीं की जावेगी।

7. हितग्राही द्वारा क्रय की गई बैलगाड़ी में से 10 प्रतिशत का रेण्डम आधार पर सत्यापन उपसंचालक कृषि के द्वारा तथा 25 प्रतिशत सत्यापन अनुविभागीय कृषि अधिकारी के द्वारा किया जावेगा।

8. जिला स्तर पर उपसंचालक द्वारा विकासखंड स्तर से प्राप्त अनुशंसा सूची अनुसार अधिकतम 30 कार्य दिवस के भीतर हितग्राही के नाम चेक द्वारा अनुदान हितग्राही के पक्ष में जारी किया जावेगा। यदि किसी विशेष कारण से यदि अनुदान 30 कार्य दिवस के भीतर जारी नहीं किया जाता है तो उपसंचालक हितग्राही को भुगतान करते समय विलंब के कारणेां को लिखित रुप से उसे सूचित करेगा।

भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य

क्र. वर्ष वित्तीय  (लाख में) भौतिक  (संख्या में)
लक्ष्य पूर्ती  लक्ष्य पूर्ती
1- 2007&08 36-00 2-10 720 42
2- 2008&09 50-00 12-26 1000 246
3- 2009&10 10-00 6-66 200 134

 

प्रथम तिमाही २०१० से २०११ (अप्रैल-जून ) 

 

 

क्र

वर्ष

वित्तीय

(लाख में)

भौतिक 

(संख्या में)

लक्ष्य 

पूर्ती 

लक्ष्य 

पूर्ती 

1- 2010&11 2-50 0-628 50 13

 

द्वितीय तिमाही २०१०-२०११ ( जुलाई-सितम्बर )

 

क्र

वर्ष 

वित्तीय

 (लाख में)

भौतिक 

(संख्या में )

लक्ष्य 

पूर्ती 

लक्ष्य

पूर्ती 

1- 2010&11 2-50 & 50 &

 

 

Source- 

  • mp.gov.in
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