यह पध्दति पौधों के जड़ क्षेत्र में एवं सीमित मात्र में सिंचाई देने हेतु उपयुक्त है| यह पध्दति पूर्णतः गुरुत्वाकर्षण बल पर आधारित है | इस पध्दति में प्लास्टिक बाल्टी में भरे पानी की गुरुत्वाकर्षण बल के माध्यम से सिंचाई देते है|
विधि
१. प्लास्टिक बाल्टी जिसकी क्षमता २० लीटर हो की जल भण्डारण हेतु उपयोग किया जाता है|
२. बाल्टी को दो सीधे बाँस की सहयता से जमीन से 5 फीट की ऊँचाई पर स्थापित करें|
३. दो बाल्टी को समकक्ष स्थापित करने के पश्चात उन्हें ‘T’ की सहयता से जोड़ दें| इसके पश्चात तैयार किये गए बीएड में दो लेट्रल की समकक्ष बिछाए | दानो लेट्रल को ‘T’ की सहायता से जोड़ते हुए बाल्टी से जोडें|
लाभ
- कम लागत
- पंप की आवश्यकता नही
- कम क्षेत्र फल हेतु उपयुक्त
- बिजली की आवश्यकता नहीं
- एक-समान सिंचाई
- घर की बगिया में सिंचाई हेतु उपयुक्त
उपयोग हेतु घटक एवं उनके अनुमानित लागत
वस्तु |
संख्या |
लागत(रू.) |
बॉस | 5 | 100/- |
प्लास्टिक बाल्टी | 2 | 240/- |
कंट्रोल वाल्ब | 2 | 4/- |
मजदूरी | 1 | 100/- |
लेट्रल | 50 मीटर | 300/- |
कुल लागत | 744/- |
क्षेत्रफल
50 मीटर (10X5 मी2 )
उपयुक्त फसल
धनिया,सौंफ ,मेथी,पालक ,गाजर,मूली,भाटा,टमाटर एवं कित्चें गार्डन हेतु उपयुक्त|
जीवनकाल
5-6 साल
फायदे
प्रति इकाई से प्रति माह 1500 से 2000 रू. तक आमदनी अर्जित की जा सकती है|
Source-
- Indira Gandhi Krishi VishwaVidyalaya.