नदी घाटी/बाढ उन्मुख नदी योजना की जानकारी यहाँ दी गयी है:-
अनुक्रमणिका | जानकारी | |
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विभाग का नाम | किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग | |
योजना का नाम | नदी घाटी/बाढ उन्मुख नदी योजना | |
योजना का उध्देश्य |
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योजना का स्वरूप और कार्यक्षेत्र | वर्तमान में योजना मेक्रोमैनेजमेंट प्लान के अंतर्गत (90% केन्द्रांश एवं 10% राज्यांश ) संचालित है । वर्तमान मेंप्रदेश में 5 केचमेंट चम्बल, माही, माताटीला, तवा एवं सोन में रतलाम, मंदसौर, उज्जैन, विदिशा, रायसेन, धार, होशंगाबाद, शहडोल, उमरिया एवं अनुपपूर जिलों में क्रियान्वित है। | |
योजना क्रियान्वयन वर्ष | 1. नदी घाटी योजना वर्ष 1961-62 2. बाढ़ उन्मुख नदी योजना वर्ष 1980-81 | |
पात्र हितग्राही | उपचारित किये जा रहे जलग्रहण क्षेत्रों की सीमा मे आने वाले सभी वर्ग के हितग्राहियों की कृषि एवं पड़त भूमियों में शासकीय धन राशि से उपचार कार्य कर लाभान्वित किया जाता है । योजना प्रत्यक्ष रूप से हितग्राही मूलक न होकर साद नियंत्रण एवं जल संरक्षण कर हितग्राही को परोक्ष रूप से लाभान्वित किया जाता है । | |
हितग्राहियों को चयन प्रक्रिया हितग्राहियों को चयन प्रक्रिया | पृथक से हितग्राहियों का चयन नहीं किया जाता है, उपचारित किये जा रहे जलग्रहण क्षेत्र की सीमा में आने वाले समस्त कृषक उपचार कार्यो से समान रूप से लाभांवित होते है । | |
योजना क्रियान्वयन की प्रक्रिया | अखिल भारतीय मृदा एवं भूमि उपयोग सर्वेक्षण संस्थान नई दिल्ली द्वारा वर्गीकृत उच्च एवं अतिउच्च प्राथमिकता प्राप्त जलग्रहण का चयन कर भारत सरकार से तकनीकी स्वीकृति पश्चात् उपचार कार्य नोडल एजेंसी कृषि विभाग द्वारा एवं पड़त भूमि में कृषि विभाग तथा वन भूमि में वन वभिाग के अमले द्वारा किया जाता है। | |
क्रेन्दांश एवं राज्यांश | योजनान्तर्गत मेक्रोमैनेजमेंट प्लान के अंतर्गत 90% केन्द्रांश एवं 10% राज्यांश के रूप में प्रावधान किया जाता है जिसमें केंन्द्र का हिस्सा 100% अनुदान के रुप में प्राप्त होता है। | |
आर.टी.आई. नियम एवं अनुदेश | भारत सरकार द्वारा जारी मार्गदर्शिका अनुसार योजना संचालित की जाती है । जिससे आर.टी.आई साइड डाउन लोड कर देखा जा सकता है । | |
योजना के घटक | भारत सरका की मार्गदर्शिका अनुसार निम्नाकित घटकों में योजना क्रियान्वित की जाती है । क्रियाकलाप | कुल आउटलेट में प्रावधान प्रतिशत |
कार्य:- | ||
1. | 1. सर्वे, डिमार्केशन,फील्ड इनवेस्टीगेशन, वाटरशेड प्रोजेक्ट रिपोर्ट निर्माण कार्य | 2% |
2. एंट्रीपाइंट एक्टिवीटी एव वाटरशेड कमेटियों का गठन | 2% | |
3. योजना के क्रियाकलाप (उपचार कार्य, वानस्पतिक कार्य, मिटटी पत्थर के चेक बंधान, समोच्य बंधान, फार्म पोण्ड, परकोलेश टैक आदि के निर्माण) | 62% | |
4. फार्म प्रोडक्शन सिस्टम एवं माइक्रो इन्टरप्राइजेज | ||
1. भू-स्वामी परिवार | 5% | |
2. भूमिहीन परिवार एवं स्वसहायता समूह | 3% | |
5. कार्पस फंड (रखसरखाव हेतु)। | 2% | |
2. | स्थापना पर व्यय | |
1. वेतन भत्ते | 15% | |
2. आकस्मिक व्यय | 3% | |
3. हाइड्रोलिक एवं सेडीमेंट मानिटरिंग; | 2% | |
4. स्टोर, लेब एवं हट्स का निर्माण, तकनिकी का आदान प्रदान | 1% | |
5.ट्रेनिंग वर्कशाप डिमान्सट्रेशन मानिटेरिंग आदि । | 3% | |
सम्पर्क अधिकारी | योजना से संबंधित जिलों के उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, होगें । |
Source-
- mp.gov.in