पपीते की किस्में इस प्रकार है:-
1.पूसा जायंट
वंशावलीः राँची किस्म से चयनित
विमोचन वर्ष : 1981, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केन्द्र, पूसा (बिहार)
अनुमोदित क्षेत् : पूरे भारतवर्ष के उष्ण एवं उपोष्ण कटिबंधीय प्रांतो के लिए
औसत उपजः 30-35 कि.ग्रा./पौधा
विशेषताएँ: नर व मादा पौधों वाली पथकलिगो किस्म, बड़े आकार के फल सब्जी एवं पेठा बनाने के लिए उपयक्तु एवं सितम्बर-अक्टूबर माह में रोपण उत्तम। 92 से. मी. की ऊँचाई प्राप्त करने के बाद फल लगना शुरू। फल बीज पप्रकोष्ठ 18 × 10 से. मी. आकार सहित 5 से. मी. मोटा गूदा , फल का रंग पीला से नारंगी लिए हुए, टी.एस.एस. 7-8.5 बिक्स, एक फल का औसत वजन 1.5-3 कि.ग्रा . तक तथा प्रति पौध 30-35 कि.ग्रा . फल उत्पादन। तेज हवायों के प्रति सहनशीलता इस किस्म की विशष खबूी।
२.पूसा मजेस्टी
वंशावलीः राँची किस्म से चयनित
विमोचन वर्ष: 1986, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केन्द्र, पूसा (बिहार)
अनुमोदित क्षेत्र : पूरे भारतवर्ष के लिए।
औसत उपज: 35-40 कि.ग्रा. प्रति पौधा।
विशेषताएँ:उभयलिंगी (गायनादायाशियस) किस्म उत्तम रख रखाव क्षमता सहित पपैन हेतु उपयुक्त , विषाणु रोग तथा सूत्रकृमि का प्रति सहनशील, पौध की कल लम्बाई 196 स.मी. तथा 48 स.मी.ऊँचाई र्हान पर फलन प्रारंभ, फल मध्यम से बडा आकार के (1.0-2.5 कि.ग्रा .), बीज पक्रोष्ट 17 स.मी. ×9 समी., 3.5 समी. मोटा ठोस गूदा सकल घलनशील ठोस पदार्थ (टी.एस.एस.) व9 बिक्स सहित,प्रति पौध से 35-40 कि.ग्रा . तक उत्पादन।
३.पूसा डेलिशियस
वंशावलीः राँची किस्म से चयनित
विमोचन वर्ष : 1986, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केन्द्र, पूसा (बिहार)ें
अनुमोदित क्षेत्रः पूरे भारतवर्ष के लिए
औसत उपज: 40-45 कि.ग्रा. प्रति पौधा
विशेषताएँ: मादा व उभयलिगं पौधों वाली गायनादियो शयस किस्म, मध्यम आकार के फल (1.0-2.0 कि.गा्र .), फल उत्तम स्वाद यक्त, टी.एस.एस. मात्रा 10 स व 13 बिक्स। फल छाटस मध्यम, गाललम्बाकार,14 स.मी.8 स.मी. बीज प्रकोष्ट तथा 5 स. मी. गहरे नारंगी मोटे गूदे वाला होता है।फल स्वादिष्ट, फल का वजन 1-2 कि.गा्र . तथा एक पाध् स 40-45 कि.ग्रा . तक उत्पादन। सतह से 80 स. मी. की ऊँचाई प्राप्त करने के बाद फल लगना प्रारंभ ,पौध की ऊँचाई 216 स. मी.।
४.पूसा ड्वार्फ
वंशावलीः राँची किस्म से चयनित
विमोचन वर्षर्ः 1986, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केन्द्र, पूसा (बिहार)
अनुमोदित क्षेत्रः सम्पूर्ण भारत के उष्ण एवं उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों के लिए
औसत उपजः 40-45 कि.ग्रा. प्रति पौधा
विशेषताएंः पृथक लिंगी (डायोशियस) एवं बौनी तथा अतिशीघ्र फलनशील किस्म, भूमि की सतह से 40 सें.मी. की ऊँचाई से फलना प्रारम्भ एवं पौधेे की कुल उँचाई 130 सें.मी.। सघन
बागवानी के लिए उपयुक्त किस्म एवं सितम्बर-अक्तूबर माह में रोपण उत्तम। फल छोटे से मध्यम आकार के फल, बीज प्रकोष्ठ 12 8 सें.मी. व 3.5 सें.मी. मोटे गूदा सहित तथा गूदे का रंग पीला से नारंगी होता है। व टी.एस.एस 6.5-8.0 ब्रिक्स, प्रत्येक फल का वजन 1.0-1.5 कि.ग्रा. तथा एक पौधे से 30-40 कि.ग्रा. फल प्राप्त होता है।
५.पूसा नन्हा
वंशावलीः म्युटेशन प्रजनन द्वारा रांची किस्म से विकसित
विमोचन वर्षः 1983, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केन्द्र, पूसा (बिहार)
अनुमोदित क्षेत्रः पूरे भारतवर्ष के उष्ण एवं उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों के लिए
औसत उपजः 25-30 कि.ग्रा. प्रति पौधा
विशेषताएंः पृथक लिंगी (डायोशियस) नर-मादा एवं अत्यंत बौनी किस्म, भूमि की सतह से 30 सं.मी. की ऊँचाई से फलना प्रारम्भ, 120 सें.मी. तक पौधे की उँचाई होती है। फल छोटे व मध्यम आकार के व 3 सें.मी. पीले गूदे वाले। एक पौधे से 25-30 कि.ग्रा. तक फल उत्पादन। गृह वाटिका एवं सघन बागवानी के लिए उपयुक्त किस्म एवं सितम्बर- अक्तूबर माह में रोपण उत्तम।
Source-
- iari.res.in