भारतीय कृषि अनुसंधान सस्थान द्वारा विकसित चारा ज्वार की किस्में

चारा ज्वार की किस्में इस प्रकार है:

1.पूसा चरी संकर 106

विमोचन वर्षः 1996 (सी.वी.आर.सी.)

अनुमोदित क्षेत्रः समस्त देश के लिए

परिस्थितियां: गर्मी व खरीफ मौसम में सिंचित अवस्था में बुवाई के लिए

औसत उपजः हरा चारा 680-700 कुन्तल/हेक्टेयर; सूखा चारा 160-170 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएं:यह बहु कटाई वाली संकर चारा ज्वार की सार्वजनिक क्षेत्र की पहली संकर किस्म है। इस किस्म की पत्तियाँ गहरी हरी होती हैं जिनमें हरापन लम्बे समय तक बना रहता है; तना रसदार तथा मीठा होता है, जिसमें जहरीले तत्व कम होते हैं एवं इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक (8.0 कु./है.) होती है। 50-55 दिनों में यह किस्म पहली कटाई के लिए तैयार हो जाती है।

 

2.पूसा चरी 615

विमोचन वर्षः 2006 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)

अनुमोदित क्षेत्रः राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली

रिस्थितियां:सामान्य सिंचित अवस्था में बुवाई के लिए

औसत उपज: हरा चारा 700 कुन्तल/हेक्टेयर, सूखा चारा 200 कुन्तल/हेक्टेयर तथा बीज उपज 15 कुन्तल/हेक्टेयर |

विशेषताएं:यह बहु कटाई वाली चारा ज्वार की अधिक उत्पादन वाली किस्म है, जिसके पौधे पर गहरे हरे रंग की 10-12 पत्तियां होती हैं तथा इसका तना मोटा, अधिक रस वाला व लम्बे समय तक हरा रहता है।

 

3.पूसा चरी संकर 109

विमोचन वर्षः 2003 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)

अनुमोदित क्षेत्रः राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली

परिस्थितियां: सामान्य सिंचित अवस्था में बुवाई के लिए

औसत उपजः हरा चारा 700-750 कुन्तल/हेक्टेयर;सूखा चारा 150-170 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएं: यह बहु कटाई वाली संकर चारा ज्वार की किस्म है, जो 55-60 दिनों में पहली कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इस किस्म में जहरीले तत्व (एच.सी.एन.) की मात्रा कम (54.3 पीपीएम) होती है। इस किस्म के पौधे उच्च ताप व सूर्य प्रकाश के प्रति सहनशील हैं जिनमें प्रमुख बीमारियों एवं कीटों के प्रति प्रतिरोधकता/सहनशीलता पाई जाती है।

 

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