ग्रीनहाउस क्या है ? वास्तव में ग्रीन हाउस एक ऐसी निर्मित संरचना है जो पारदर्शी सामग्री से ढंकी होती है। ग्रीनहाउस सब्जियों और फुलों की वृद्धि के लिए नियंत्रित वातावरण की परिस्थितियां उपलब्ध कराता है। परंपरागत तरीके में खुली ज़मीन पर होने वाली खेती की तुलना में कम ज़मीन पर नियंत्रित खेती और अधिक उत्पादकता की वजह से भारत में इन दिनों ग्रीनहाउस की अवधारणा लोकप्रिय होती जा रही है।
ग्रीनहाउस खेती में आरंभिक निवेश लागत अधिक होती है। हालांकि ग्रीनहाउस संरचना के निर्माण के लिए लोन या सब्सिडी का विकल्प भी उपलब्ध है। आरंभिक स्तर पर लागत को कम करने के लिए कम लागत या कम प्रौद्योगिकी वाली ग्रीनहाउस संरचना के निर्माण का भी विकल्प उपलब्ध है जिसमें स्थानीय सामग्रियों मसलन बांस, लकड़ियों आदि का इस्तेमाल करके ग्रीनहाउस की सामान्य संरचना तैयार की जाती है।
इस लेख में हम उदाहरण के लिए निर्यात बाजार और घरेलु जरूरतों की पूर्ती के लिए गुलाब के फुलों के उत्पादन के मॉडल और उसके लिए तैयार की जाने वाली ग्रीनहाउस संरचना की लागत को सामने रख कर विचार करते हैं।
ग्रीनहाउस संरचना के निर्माण में लगने वाली सामग्री निम्नलिखित हैं
- ज़मीन खरीद की आवश्यकता (लोकेशन बहुत महत्वपूर्ण, स्थानीय बाज़ार के नजदीक जमीन लेना अच्छा विचार)
- ग्रीनहाउस संरचना का निर्माण (सामग्रियों सहित)
- संरचना में लगने वाली सामग्रियों की खरीद
- सिंचाई में काम आने वाली सामग्रियों की खरीद
- फर्टिलाइज़र से जुड़ी सामग्री की खरीद
- ग्रेडिंग और पैकिंग के लिए जगह की खरीद
- रेफ्रेजरेटेड वैन की खरीद
- कार्यालय उपकरण की खरीद
- निर्यात के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी की खरीद
- इन सभी संसाधनों को तैयार करने के लिए लगने वाली मजदूरी
- तकनीक से जुड़े श्रमिकों पर होने वाले खर्च
- कीटनाशकों, ऊर्वरकों & प्रेजेर्वेटिव्स की खरीद की लागत
ग्रीन हाउस कृषि में दो प्रकार की लागत आती है
1) निश्चित लागत वाली सामग्री
स्थायी सामग्री की लागत उदाहरण के लिए जमीन की लागत, निर्माण सामग्री की लागत, सिंचाई सुविधा या अन्य जरूरी सामग्रियों की लागत
2) समय समय पर होने वाले खर्च या आवर्ती लागत
पौधों को लगाने में होने वाले खर्च, बुआई की लागत, रखरखाव और मजदूरों पर आने वाले खर्च, स्टोरेज, पैकिंग और ढुलाई पर होने वाले खर्च आदि आदि।
दोनों ही परिस्थितियों में आने वाले खर्च का एक प्रकार का लेखा जोखा नीचे दिया गया है। नीचे दिए गए ये खर्च एक हेक्टेयर के ग्रीन हाउस में गुलाब की खेती से जुड़ा है।
निवेशक के द्वारा लगाया जाने वाले प्रारंभिक निवेश
- प्रोजेक्ट की कुल लागत का 25 फ़ीसदी उद्यमी की ओर से लगाया जाएगा
- मूल धन और ब्याज सात साल में वापिस किए जाने हैं जिसमें पहले साल ब्याज औऱ दो साल तक मूल धन पर रोक रहेगी।
स्थायी लागत का वर्णन इस प्रकार है
सम्मिलित सामग्री राशि (रुपये में)
- ज़मीन & उसको तैयार करने का खर्च 4 लाख
- ग्रीन हाउस की लागत 13 लाख
- कोल्ड स्टोरेज की लागत 10 लाख
- ऑफिस एरिया की लागत 2.5 लाख
- ग्रेडिंग & पैकिंग की लागत 5 लाख
- रेफ्रिजरेडेट वैन की लागत 1 लाख
- जेनेरेटर सेट 2 लाख
- फैक्स, टेलिफोन, कम्प्यूटर 1 लाख
- फर्नीचर की लागत 50 हजार
- विधुत आपूर्ति की स्थापना का खर्च 2 लाख
- जल आपूर्ति, ड्रीप सिंचाई & फागिंग मशीन की प्रणाली का खर्च 6 लाख
- बुआई सामग्री & बुआई की लागत 30 लाख
कुल 77 लाख
प्रोजेक्ट की आवर्ती लागत का ब्यौरा
संख्या सामग्री खर्च
- इलेक्ट्रिसिटी चार्ज प्रति वर्ष 6 लाख
- खाद & फर्टीलाइजर की लागत 1 लाख
- पौधों की सुरक्षा का खर्च 1 लाख
- प्रीजरवेटिव्स की लागत 3 लाख
- पैकिंग सामग्री की लागत 2 लाख
- हवाई माल ढुलाई का खर्च 125 लाख
- श्रमिकों का खर्च 3 लाख
- कमीशन/इंश्योरेंस 15 लाख
- वेतन कर्मचारियों का 5 लाख
- उपरी लागत 50 हजार
- अन्य खर्च 4 लाख
कुल आवर्ति लागत 166.5 लाख
इस तरह से ग्रीन हाउस प्रोजेक्ट की लागत स्थायी और आवर्ती लागत मिला कर पहले साल में 2 करोड़ 43 लाख और 50 हजार रुपया आता है।
इस प्रोजेक्ट से होने वाले उत्पादन का ब्यौरा
- प्रति हेक्टेयर गुलाब के पौधों की संख्या – साठ हजार
- प्रत्येक पौधे से मिलने वाले गुलाब की संख्या – 100 से 150
- निर्यात की गुणवत्ता वाले गुलाब की संख्या – 60-100
- अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रति गुलाब मिलने वाली कीमत – 6-11 रुपया
- प्रति एकड़ में निर्यात किए जा सकने लायक गुलाब की संख्या – साठ लाख गुलाब
- निर्यात से होने वाली आमदनी – कम से कम तीन करोड़ रुपया सालाना
ये आमदनी ग्रीन हाउस की स्थिति और वर्तमान बाजार मूल्य के मुताबिक परिवर्तिनीय है।
Source-
- iffcolive.com
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