गेंदा की उन्नत किस्में

गेंदा  बहुत ही उपयोगी और  आसानी से उगाया जाने वाला फूलों का पौधा है|गेंदे को विभिन्न प्रकार की भूमियों में उगाया जा सकता है। गेंदे कई प्रकार के होते हैं| गेंदा की उन्नत किस्में इस प्रकार है:-

१.पूसा बसन्ती गेंदा

वंशावली :गोल्डन येलो सन जायन्ट

चिन्हित वर्षः 1995 (आई.वी.आई.सी.)

अनुमोदित क्षेत्रः सम्पूर्ण भारत

औसत उपजः ताजे फूल 200-250 कुन्तल/हेक्टेयर तथा 70-100 कि.ग्रा. बीज/हेक्टेयर

विशेषताएंः मध्यम आकार के पीले रंग के फूल जोकि बीज की बुवाई के 135-145 दिन बाद आने शुरू हो जाते है। यह प्रजाति उद्यानों एवं गमलों में उगाने हेतु अति उत्तम है।

 

२.पूसा नारंगी गेंदा

वंशावलीः क्रैकर जैक गोल्डन जुबली

चिन्हित वर्षः 1995 (आई.वी.आई.सी.)

अनुमोदित क्षेत्रः सम्पूर्ण भारत (बड़े पुष्प आकार के कारण दक्षिण भारत में अधिक लोकप्रिय)

औसत उपजः ताजे फूल 250-300 कुन्तल/हेक्टेयर 100-125 कि.ग्रा. बीज/हेक्टेयर

विशेषताएंः गहरे नारंगी रंग के फूल, फ्लोरेट घुमावदार तथा बुवाई के 125-135 दिन बाद पुष्पन; फूलों में कैरोटीनाॅइड की प्रचुर मात्रा (329 मि.ग्रा./1000 ग्राम पंखुड़ी में) तथा कुक्कुट उद्योग, भोजन सामग्री एवं औषधि निर्माण में उपयोग।

 

३.पूसा अर्पिता

वंशावलीः विषम गुणों वाले (लोकल) संग्रह से चयनित

विमोचन वर्षः 2009 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)

अनुमोदित क्षेत्रः उत्तरी मैदानी क्षेत्र

औसत उपजः ताजे फूल 180-200 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएंः मध्यम आकार के हल्के नारंगी रंग के फूल तथा उत्तरी मैदानी क्षेत्रों में पुष्पन का समय मध्य दिसम्बर से मध्य फरवरी।

 

 

स्रोत-

  • भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान,नई दिल्ली
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