१.पूसा वृष्टि
विमोचन वर्षः 2009 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)
अनुमोदित क्षेत्रः दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र
औसत उपजः 200-220 कुन्तल/हेक्टेयर
विशेषताएंः गाजर की एक ताप सहिष्णु उष्ण कटिबंधीय किस्म। उत्तर भारत के मैदानों में जुलाई के प्रारंभ में अगेती बुवाई के लिए उपयुक्त। इसकी जड़ें आकृति में गोल-त्रिभुजाकार तथा स्वतः लाल रंग की होती हैं। जड़ का औसत भार 150-200 ग्राम, परिपक्वता अवधि 90 दिन।
२.पूसा रूधिरा
विमोचन वर्षः 2008 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)
अनुमोदित क्षेत्रः दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र
औसत उपजः 300 कुन्तल/हेक्टेयर
विशेषताएंः लम्बी स्वरंगी कोर सहित लाल मूसली, थोड़ी त्रिकोण आकृति लिए, मध्य सितम्बर से अक्तूबर तक बुवाई योग्य, मध्य दिसम्बर के बाद मूसली तैयार।
३.पूसा आसिता
विमोचन वर्षः 2008 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)
अनुमोदित क्षेत्रः दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र
औसत उपजः 250 कुन्तल/हेक्टेयर
विशेषताएंः लम्बी स्वरंगी कोर सहित काली मूसली, सितम्बर से अक्तूबर तक बुवाई के लिए उपयुक्त, दिसम्बर-जनवरी में मूसली 90-110 दिनों में तैयार।
४.पूसा मेघाली
विमोचन वर्षः 1994 (सी.वी.आर.सी.)
अनुमोदित क्षेत्रः मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र
औसत उपजः 250 कुन्तल/हेक्टेयर
विशेषताएंः अगेती, कोर सहित नारंगी मूसली, लघु शीर्ष, उत्तम आकृति, उष्ण कटिबंधीय समूह में नारंगी गूदे वाली अकेली किस्म है। मैदानी भागों में बीजोत्पादन, अगेती बुवाई हेतु उपयुक्त, 100-120 दिनों में तैयार।
५.पूसा यमदग्नि
विमोचन वर्षः 1988 (सी.वी.आर.सी.)
अनुमोदित क्षेत्रः कम तापमान वाल भारत के सभी क्षेत्रों के लिए
औसत उपजः 200-250 कन् तल/हेक्टयर (सब्जी क लिए)
विशेषताएंः इसकी जड लम्बी, हल्की नुकीली, बलनाकार, मध्यम शिखर क साथ, नारंगी रगकी हातेी ह।पहाडी़ क्षेत्रों में अप्रैल से अगस्त तथा मैदानी क्षेत्रों में मध्य अक्तबूर से दिसम्बर के आरम्भ तक इसकी बुवाई की जा सकती है|यह बुवाई के 90 स 100 दिनों में तैयार हो जातीहै|
६.पूसा वसुधा
विमोचन वर्षः 2013 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)
अनुमोदित क्षेत्रः दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र
औसत उपजः 400 कुन्तल/हेक्टेयर
विशेषताएंः सी.एम.एस. प्रणाली का उपयोग कर विकसित की गई सार्वजनिक क्षेत्र की पहली उष्ण- कटिबंधीय गाजर की संकर किस्म। इसकी जड़े चिकनी, आकर्षक, ओजपूर्ण, स्वतः लाल रंग वाली, मीठी, रसदार तथा कुल कैरोटिनाॅयड, लाइकोपिन, टी.एस.एस तथा खनिजों से भरपूर होती हैं। सलाद, जूस निकालने, पकाने तथा कैरोटिनाॅयड निष्कर्षण के लिए उद्योग हेतु उपयुक्त। परिपक्वता अवधि 80-90 दिन।
७.पूसा नयनज्योति
विमोचन वर्षः 2009 (एस.वी.आर.सी., हिमाचल प्रदेश)
अनुमोदित क्षेत्रः कम तापमान वाल भारत क सभी क्षेत्रों के लिए
औसत उपजः 350-400 क्विंटल/हेक्टेयर (सब्जी क लिए)
विशेषताएंः यह भारत में राजकीय क्षेत्र द्वारा विकसित नारंगी रंग की प्रथम संकर किस्म है। जड़ें नारंगी, चिकनी व एक समान, आकर्षक, गोल व स्व-रंजित होती हैं। इसकी ताजा जड़ों में बीटा कैरोटीन अधिक (7.552 मि.ग्रा./100 ग्राम) होती है। यह पहाड़ी क्षेत्रों में अप्रैल से अगस्त तथा मैदानी क्षेत्रों में नवम्बर से दिसम्बर में बोयी जा सकती है।
Source-
- Indian Agricultural Research Institute