खुम्ब (मशरूम) की खेती

उत्पादन तकनीकी

उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के मशरूम की खेती करने का समय।

सफेद बटन मशरूम (अगेरिकस बाइस्पोरस) – अक्टूबर से मार्च
शिटाके मशरूम (लैन्टीनूला इडोड्स) – सितम्बर से फरवरी
धान पुआल खुम्ब (वोल्वेरिएला प्रजातियाँ ) – मई से जुलाई
आॅयस्टर मशरूम (प्लूरोट्स प्रजातियाँ) – मध्य अगस्त से मध्य अप्रैल
दूधिया मशरूम (कैलोसाइबी इण्डिका) – फरवरी से अप्रैल

बटन मशरूम के कवक जाल की वृद्धि के लिए 22-25 सें.ग्रे. तापमान सबसे अनुकूल होता है, जबकि फलनकाय बनने के लिए अनुकूलतम तापमान 0 14-18 सें.ग्रे. है, तथा 80 – 85 प्रतिशत आपेक्षिक आर्द्रता, मशरूम-वृद्धि के लिए आवश्यक है। अगेरिकस की एक अन्य प्रजाति अ. बाइटोरक्विस भी व्यवसायिक रूप से उगायी जाती है। इसकी कायिक वृद्धि के लिए 25-30 सें. 0 ग्रे. तापमान और फलनकाय बनने के लिए 20-25 सें.ग्रे. तापमान अनुकूलतम है। वैसे उत्तर भारत में बटन मशरूम की खेती के लिए अ. बाइस्पोरस की ही सिफारिश की जाती है।

 

खेती के लिए आवश्यक सामग्री

बटन मशरूम की खेती कृत्रिम रूप से तैयार किए गए कम्पोस्ट पर की जाती है, जिसके बनाने की दो विधियाँ हैं – (1) लम्बी विधि और (2) छोटी विधि या पाश्च्युराइजेशन विधि। मशरूम की खेती के लिए आवश्क सामग्री चीजें इस प्रकार से है- मशरूम घर, 100 संे.मी. 50 संे.मी. 15 संे.मी. परिमाण की ट्रे अथवा 45 60 संे.मी. परिमाण के पाॅलीथीन के थैले, कम्पोस्ट बनाने के लिए चबूतरा, कम्पोस्ट बनाने की सामग्री, मशरूम स्पाॅन, केसिंग मिट्टी आदि।

मशरूम घर

एक अच्छा मशरूम घर हवादार एवं तापरोधी होना चाहिए ताकि उसके भीतर तापमान और आपेक्षिक आर्द्रता को नियंत्रित रखा जा सके। इसके भीतर 1500-2500 लक्स तीव्रता के प्रकाश, एग्जहाॅस्ट पंखे और कूलर या एयरकंडीशनर की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके भीतर ईंटों या कंक्रीट का बना पक्का फर्श होना चाहिए।

कम्पोस्ट तैयार करना

मशरूम उत्पादन के लिए कम्पोस्ट तैयार करने के लिए निम्न सामग्री की आवश्यकता होती है-

कम्पोस्ट-सामग्री

कटा हुआ गेहू का भूसा/धान पुआल 250 कि.ग्रा.(10-15 सं मी. लम्बा) 250 ग्राम
गेहू/धन का छिलका  चोकर 20-25 कि.ग्रा
अमोनियम सल्फेट/कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट 4 कि.ग्रा.
यूरिया 3 कि.ग्रा
म्युरेट आफ पोटाश 4 कि.ग्रा
जिप्सम 20 कि.ग्रा
मेलाथियान 40 मि.ली.
शीरा (मोलासेस) 5  कि.ग्रा.

कम्पोस्ट तैयार करने की विधि

कम्पोस्ट बनाने के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला भूसा एक साल सेअधिक पुराना अथवा बारिश में भीगा नहीं होना चाहिए।
भूसे को दो दिन तक पानी से भिगोया जाता है, भीगे हुए भूसे में बतायीगयी सामग्री (जिप्सम तथा मैलाथियोन को छोड़कर) अच्छी तरह
मिलाकर 4’ 4’ 4’ का ढेर बनायें। तीन दिन बाद ढेर को तोड़कर 2घंटे तक हवा लगने दें तथा फिर अच्छी तरह मिक्स कर वापस उसी
आकार का ढेर बना दें, इसे पल्टाई कहते हैं। तीसरी पल्टाई के दौरान जिप्सम तथा सातवीं पल्टाई के दौरान मैलाथियाॅन मिलाएं। इस प्रकार
25-28 दिन में कम्पोस्ट तैयार हो जाती है। तैयार कम्पोस्ट का पाश्चुराइजेशन किया जाता है। कम्पोस्ट को ट्रे
अथवा थैलों में भरते हैं। पाश्चुराइजेशन के बाद इनमें स्पाॅन मिलाया जाता है।

कम्पोस्ट भरना

पूर्णरूप से तैयार कम्पोस्ट को ट्रे, रैकों या थैलियों में भर लेते हैं। ट्रे अथवा रैकों में कम्पोस्ट की 8-10 इंच मोटी परत भरते हैं। भरने के बाद
कम्पोस्ट को हल्का सा दबाकर समतल कर देते हैं। तीन से चार ट्रे एक दूसरे के ऊपर रख सकते है|सबसे निचली ट्रे जमीन से 20 सं.मी.
ऊँचाई पर होनी चाहिए। ऊपर-नीचे रखी दो ट्रे के बीच 60-65 सं.मी का फासला अवश्य रखें जो विभिन्न क्रिया-कलापों और हवा के आने जाने के लिए आवश्यक है। सबसे ऊपरी ट्रे में कम्पोस्ट और छत के बीच का फासला 100 सं.मी. अवश्य होना चाहिए। ट्रे अथवा थैलियों में कम्पोस्ट भरने से पहले मशरूम स्पाॅन मिला लेना चाहिये। 100 कि.ग्रा. कम्पोस्ट के लिए लगभग 1 कि.ग्रास्पाॅन की आवश्यकता होती है। ट्रे में कम्पोस्ट भरने के बाद, नीचे बताई गई विधि द्वारा भी स्पाॅन मिलाया जा सकता है। यदि उत्पादन   30 45 स.मी. अथवा 45 60 स.मी. परिमाण की  पोलिथीन की  थैलियाँ कर सकत है|इनमे  कम्पोस्ट की 10-12 इचं की परत भर कर हल्का सा दबा दते है|

स्पाॅन मिलाना एवं स्पाॅन की मात्रा

स्पाॅन, आम भाषा में मशरूम का बीज है, यह संवर्धन माध्यम पर विकसित, मशरूम कवक का कवक जाल होता है। 100 *50 *15
सं.मी. परिमाण की एक ट्रे के लिए लगभग 80-85 ग्राम स्पाॅन पर्याप्त है।

(1) सतह पर स्पाॅन मिलानाः स्पाॅन के दाने ट्रे अथवा रैक में भरे कम्पोस्ट की सम्पूर्ण सतह पर फैला दिए जाते हैं और उन्हें 2
स.मी. मोटाई की, कम्पोस्ट एक पतली परत स  ढक दिया जाता है|स्पानॅ मिलने के बाद कम्पोस्ट का पुराने अखबारों से धक् दे।

2) दो पर्तों में स्पाॅन मिलानाः इस विधि का प्रयोग प्रतिकूल वातावरण, ठंडे इलाकों में किया जाता है। पहले ट्रे को कम्पोस्ट से आधा भरते हैं। इस पर स्पाॅन फैलाते हैं और तत्पश्चात ट्रे को पूरा भरकर पुनः उसी प्रकार स्पाॅन फैला दिया जाता है। अन्त में कम्पोस्ट की एक पतली पर्त इसके ऊपर फैला देते हैं। इस प्रकार स्पाॅन, दो पर्तों के रूप में मिलाते है|

 

भण्डारण एवं पैकिंग

  • परिवात ताप (एम्बिएन्ट टेम्परेचर) पर मशरूम को 24 घण्टे तक रखा जा सकता है जबकि प्रशीतित परिस्थितियों में 3-4 दिनोंतक इस खुम्ब का भण्डारण किया जा सकता है।
  • तुड़ाई के बाद मशरूम को बहते पानी में धोकर तुरन्त 5 सें.ग्रे. पर ठन्डा कर देना चाहिए।
  • पैकिंग 200 ग्रा. या 500 ग्रा. के पाॅलीथीन की थैलियों में की जाती है।

 

Source-

  • iari.res.in

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