आई. एन. एम. योजना के प्रभावी रहने को समय सीमा : निरन्तर
कार्यक्रम का उद्देश्य : समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन द्वारा भूमि की संरचना में सुधार कर अधिकतम उत्पादन प्राप्त करना।
लाभार्थी की पात्रता | |
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1 | हितग्राही का चयन ग्राम सभा द्वारा किया जायेगा। |
2 | चयनित हितग्राही की सूची 4 प्रतियों में तैयार की जावेगी। |
3 | चार प्रतियों में से एक प्रति क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारीके माध्यम से वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को भेजी जावेगी। |
4 | तीसरी प्रति जिला पंचायत कार्यालय को भेजी जावेगी। तथा शेषप्रति ग्राम पंचायत अपने पास रखेगी। |
5 | ग्राम सभा द्वारा चयनित हितग्राही की सूची में परिवर्तन का अधिकार किसी भी अन्य पंचायत को नही होगा। |
6 | सूची में लक्ष्य से 20 प्रतिशत अधिक हितग्राही चयनित किये जावेगें |
पूर्वापेक्षाएॅ | |
अनुदान/सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया
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आवेदक द्वारा निर्धारित प्रारूप में आवेदन करने के उपरान्त ग्राम सभा एवं जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति से अनुमोदन पश्चात योजना के तकनीकी मापण्डों का पालन करने पर केन्द्र शासन से निर्धारित अनुदान दिया जाता है । |
पात्रता निश्चित करने के लिये मापदण्ड
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जट प्रावधान के अंतर्गत लाभार्थी को लिखित आवेदन देना होगा एवं लाभार्थी का नाम, ग्राम सभा एवं जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति से अनुमोदन कराना होगा। |
दिये जाने वाले अनुदान /सहायता का विवरण
समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन एवं उर्वरकों का संतुलित व समन्वित उपयोग कार्यक्रम | हरी खाद बीज वितरण | कीमत का 25 प्रतिशत अथवा रूपये 1000/- प्रति क्विंटल जो भी कम हो। |
वर्मी कम्पोस्ंटिग इकाई | प्रति इकाई, प्रति कृषक लागत का 25 प्रतिशत अथवा रूपये 500/-, जो भी कम हो। | |
कृषक खेत पाठशाला | रु. 17000/- प्रति खेत पाठशाला। |
अनुदान सहायता के वितरण की प्रक्रिया : आदान सामग्री के रूप में जन प्रतिधियों की उपस्थिति में ।
आवेदन करने के लिये कहॉ/किससे सम्पर्क करें : विकास खण्ड स्तर पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के कार्यालय में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत करें ।
आवेदन शुल्क (जहॉ उचित हो) : नहीं
अन्य शुल्क (जहॉ उचित हो) : नहीं
Source-
-
mp.gov.in