अरहर की किस्में / Pigeon pea varieties

अरहर की किस्में इस प्रकार है:-

१.पूसा 2002

विमोचन वर्षः 2008 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)

अनुमोदित क्षेत्रः राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली

परिस्थितियांः समय पर बुवाई के लिए

औसत उपजः 17.7 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएंः अरहर की यह किस्म दोहरे फसल चक्र के लिए बिल्कुल उपयुक्त है तथा समय पर बिजाई की गई फसल की कटाई नवम्बर के दूसरे सप्ताह में की जा सकती है जिससे खेत रबी फसलों की बिजाई के लिए खाली हो जाते हैं। यह किस्म 140-145 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।

२.पूसा 2001

विमोचन वर्षः 2006 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)

अनुमोदित क्षेत्रः राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली

परिस्थितियांः समय पर बुवाई के लिए (खरीफ मौसम)

औसत उपजः 20 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएंः यह अरहर की उच्च उपज वाली किस्म है जो अरहर-गेहूँ फसल चक्र के लिए उपयुक्त है। इसकी पकने की अवधि 140-145 दिन है।

३.पूसा 992

विमोचन वर्षः 2005 (सी.वी.आर.सी.)

अनुमोदित क्षेत्रः पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश,दिल्ली और राजस्थान

परिस्थितियांः बारानी अवस्थाओं में बुवाई के लिए

औसत उपजः 16.5 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएंः इसका दाना मध्यम मोटा (8.5 ग्राम/100 दाने), भूरे रंग का, चमकदार तथा गोल होता है। यह अरहर-गेहूँ फसल चक्र के लिएसबसे उपयुक्त अनुमोदित किस्म है। इसकी पकने की अवधि 140-145 दिन है।

४.पूसा 991

विमोचन वर्षः 2005 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)

अनुमोदित क्षेत्रः राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली

परिस्थितियांः बारानी अवस्थाओं में बुवाई के लिए

औसत उपजः 18.4 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएंः यह किस्म बारानी व लवणीय क्षत्रे में बुवाई के लिए अति उपयुक्त है इसका दाना मध्यम मोटा  (7.9 गा्र म/100 दान) , भूरे रगं का  चमकदार तथा गोल होता है। इसकी पकने की अवधि 140-145 दिन है|यह अरहर-गेहू फसल चक्र बहतु साथर्क सिद्ध हुई है|

५.पूसा 9

विमोचन वर्षः 1993 (सी.वी.आर.सी.)

अनमुोदित क्षेत्रः उत्तर-पूर्वी, पूर्वी एवं मध्य क्षेत्र

परिस्थितियांः खरीफ एवं रबी पूर्व बुवाई के लिए

औसत उपजः 20-25 कुन्तल/हेक्टेयर

विशेषताएँः मध्यम उँचाई की सघन खेती हेतु उपयुक्त तथा आल्टरनेरिया झुलसा के प्रति प्रतिरोधी। यह किस्म 240 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।

 

Source-

  • भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान

 

 

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