कृषकों की आर्थिक समृद्धि एवं अधिक उत्पादन के लिये उन्नत फसल प्रणालियां:-
मक्का-तोरिया-खरबूजा
जून के प्रथम सप्ताह से सितम्बर का प्रथम सप्ताह
मक्का
उन्नत प्रजाति
नवीन, कंचन, स्वेता, आजाद, सूर्या, उतम, पूसा अर्लीहइब्रिड, गौरव एव्, हा0 स्वीट पर्ल|
बीज दर
20-25 कि0 ग्रा0/हे0
लाईन से लाईन की दूरी:- 60 सें.मीपौध्
पौधो से पौधे की दूरी:- 25 सें.मी.
खाद एवं उर्वरक
10-15 टन गोबर की खाद, नाइट्रोजन-100-120,फास्फोरस-60, पोटाश-60 एव् जिंक-25 कि.ग्रा./हे0
खरपतवार नियंत्रण
बुवाई के 24 घंटे के अन्दर ऐट्राजिन डबल्यू.पी. 2 किग्रा. का 800 लीटर पानी प्रति हे0 की दर से छिडकाव करें। या 2-3 निराई करें।
कीट एवं रोकथाम
(1) तना छेदक-1.5 ली0 एन्डोसल्फान 35 ई.सी. या क्यूनालोफास 25 प्रतिशत ईसी एक लीटर को 1000 लीटर पानी के साथ मिलाकर छिडकाव करे।
(2) सूट फ्लाई-फोरेट 10 प्रतिशत दाना को 15 कि.ग्रा./हे0 की दर से बुआई के समय कूड़ में डाले।
(3) सफेद लट-फोरेट 10 प्रतिशत दाना को 15 कि.ग्रा./हे0 की दर से बुआई से पहले मिट्टी में मिला दें।
सितम्बर का दूसरे सप्ताह से दिसम्बर का दूसरा सप्ताह
तोरिय
उन्नत प्रजाति
पी.टी.-303, पी.टी.-507 भवानी एंव् टा.-9
बीज एवं दूरी
5-6 कि.ग्रा./हे0
लाईन से लाईन की दूरी
45 सें.मीपौध्
पौधो से पौधे की दूरी
15-20 सें.मी.
खाद एवं उर्वरक
गोबर की खाद 10-12 टन/हे0, नाइट्रोजन-80-120, फास्फोरस-60, पोटाश-40 एव् गन्धक-30 कि.ग्रा./हे0
खरपतवार नियन्त्रण
खरपतवारों को खुरपी से निराई कर नियत्रित करें।
बीमारियां एवं उपचार
झुलसा रोग एवं सफेद गेरूई
डाइथेन-एम 45 से 2 ग्राम/किलो बीज को उपचारित करें।
कीट एवं उपचार
एफिड
रोगों 30 ई.सी./एन्डोसल्फान 35 ई.सी./मैलाथियान 50 ई.सीका 0.5 प्रतिशत घोल का छिडकाव करना चाहिए।
जनवरी के अन्तिम सप्ताह से जून का दूसरा सप्ताह
खरबूजा
उन्नत प्रजाति
हाईब्रिड, बायो रेड गोल्ड, रैसीका एवं कैश्टीला
बीज दर
7 से 8 कि.ग्रा./हे0
बुआई का तरीका
150 सें.मी. चैडी बैड बनाकर उनके बीच में 60 सें.मीनाली बनाकर, बैड कर दोनों तरफ नाली के पास 90-100 सें.मी. की दूरी पर 2-3 बीज 1.5 सें.मी. गहराई में बोने चाहिए।
खाद एवं उर्वरक
30 टन गोबर की खाद, नाइट्रोजन-120 से 150, फास्फोरस-100 एव् पोटाश-100-120 कि.ग्रा./हे0
सिचाई
6-8 दिन के अन्तराल पर हल्की सिचाई करते रहना चाहिए।
खरपतवार नियंत्रण
2-3 बार निराई
कीट नियंत्रण एवं रोग
● बुआई के 30 दिन बाद प्रति लीटर पानी में मेटासिसट¨क 2 मि.ली. का छिडकाव करे।
● बुआई के 30 दिन बाद प्रति लीटर पानी में सेविन 4 ग्राम फलटाॅफ 1.5 मिली. का छिड़काव करे।
● बुआई के 80 दिन बाद प्रति लीटर पानी में म¨न¨क्र¨ट¨फाॅस 1.5 मि.लीकेराथिन 0.5 मि.ली. का छिड़काव करे। जड सडन – बाविस्टीन/डाइथेन – एम (0.1 प्रतिशत) का घोल बनाकर 15दिन के अन्तराल पर 2 छिड़काव करें।
स्रोत-
- कृषि प्रणाली अनुसंधान परियोजना निदेशाल