अदरक की प्रजातियाँ

अदरक की उन्नतशील प्रजातियाँ इस प्रकार है:-

भारत के विभिन्न प्रदेशो में  उगाई जाने वाली प्रजातियाँ

क्र.
राज्य
प्रजातियों के नाम
विशेषता
1. आसाम बेला अदा, मोरन अदा, जातिया अदा छोटे आकार के कन्द तथा औषधिय उपयोग के लिये प्रयुक्त
2. अरूणाचल प्रदेश केकी, बाजार स्थानीय नागा सिंह, थिंगिपुरी अधिक रेशा एवं सुगन्ध
3. मणिपुर नागा सिंह, थिंगिपुरी अधिक रेशा एवं सुगन्ध
4. नागालैण्ड विची, नाडिया सोठ एवं सुखी अदरक हेतु
5. मेघालय सिह बोई, सिंह भुकीर,काशी औषधिय उत्तम अदरक
6. मेजोरम स्थानीय,तुरा,थिंग पुदम, थिगंगिराव  रेशा रहित तथा बहुत चरपरी अदरक
7. सिक्किम     भैसी अधिक उपज

उपज, रेशा तथा सूखी अदरक के आधार पर विभिन्न प्रजातियाँ

क्र.
प्रमुख प्रजातियाँ
औसत उत्पादन (किग्रा/हे.)
रेशा(%)
    सूखी अदरक(%)
1. रियो-डे-जिनेरियो 29350 5.19 16.25
2. चाइना 25150 3.43 15.00
3. मारन 23225 10.04  22.10
4. थिंगपुरी 24475 7.09  20.00
5. नाडिया 23900 8.13 20.40
6. नारास्सपट्टानम 18521 4.64 21.90
7. वायनाड 17447 4.32 17.81
8. कारकल 12190 7.78 23.12
9. वेनगार 10277 4.63 25.00
10 आर्नड मनजार 12074 2.43 21.25
11 वारडावान 14439 2.22 21.90

ताजा अदरक, ओरेजिन,तेल, रेशा, सूखा अदरक एवं परिपक्क अवधि के अनुसार प्रमुख प्रजातियाॅ

प्रजाति
प्रजातियो के नाम
परिपक्क अवधि (दिन)
ओले ओरेजिन (%)
तेल(%)
रेशा(%)
    सूखी अदरक(%)
आई.आई. एस. आर . (रजाता) 23.2 300 300 1.7 3.3 23
महिमा 22.4 200 200 2.4 4.0 19
वर्धा (आई आई.एस.आर ) 22.6 200 6.7 1.8 4.5 20.7
सुप्रभा 16.6 229 8.9 1.9 4.4  20.5
सुरभि 17.5 225 10.2 2.1 4.0 23.5
सुरूचि 11.6 218 10.0 2.0 3.8 23.5
हिमिगिरी 13.5 230 4.5 1.6 6.4 20.6
रियो-डे-जिनेरियो 17.6 190 10.5 2.3 5.6 20.0
महिमा (आई.एस.आर.) 22.4 200 19.0 6.0 2.36 9.0

विभिन्न उपयोग के आधार पर प्रजातियाँ के नाम

क्र.
प्रयोग
प्रजातियो के नाम
1. सूखी अदरक हेतु कारकल, नाडीया, मारन, रियो-डी-जेनेरियो
2. तेल हेतु स्लिवा, नारास्सापट्टाम, वरूआसागर, वासी स्थानीय, अनीड चेन्नाडी
3. ओलेरिजिन हेतु इरनाड, चेरनाड, चाइना, रियो-डी-जिनेरियो
4. कच्ची अदरक हेतु रियो-डे-जिनेरियो, चाइना, वायानाड स्थानीय, मारन, वर्धा

कीट अवरोधी.ध् सहनशील प्रजातियाँ

क्र.
कीटो के प्रति लक्षण 
प्रजाति
लक्षण
1. तना भेदक रियो-डे-जिनेरियो सहनशील
2. कन्द स्केल वाइल्ड-21, अनामिका कम प्रभावित
3. भण्डारण कीट वर्धा, एसीसी न. 215, 212 प्रतिरोधी
4. स्ूत्रिकृमि (अदरक) वालयूवानाड, तुरा और एस.पी.एसीसी न. 36, 59 और 221 कम प्रभावित प्रतिरोधी

हानिकारक रोग हेतु उपयोगी रासायनिक, फुफुंद नाशी की मात्रा

क्र.
रोग का नाम
फफुंद नाशी
प्रबन्धन
1. पर्णदाग मैंकोजेव 2 मिली. प्रति लीटर पानी में घोलकर छिडकाव करे ।
2. उकठा या पीलिया मैंकोजेव + मैटालैक्जिल 3मिली. प्रति लीटर पानी में घोलकर कन्दो को उपचारित करके वुवाई करे या खडी फसल में ड्रेनिचिंग करे ।
3. कन्द गलन मैंकोजेव + मैटालैक्जिल 3मिली. प्रति लीटर पानी में घोलकर कन्दरो उपचारित करके वुवाई करे या खडी फसल में ड्रेनिचिंग करे ।
4. जीवाणु उकठा स्ट्रेप्पोसाइकिलिन 200 पी. पी.एन के घोल को कन्दों को उपचारित करे ।

हानिकारक कीटों हेतु उपयोगी रासायनिक, कीटनाशकों की मात्रा

क्र.
कीट का नाम
कीटनाशक
प्रबन्धन
1. केले की माहुँ क्लोरोपाइरिफॉस  2 मिली. प्रति लीटर पानी
2. चइनीज गुलाब भृंग क्लोरोपाइरिफॉस  (5%)  धूल 25किग्रा/हे. वुवाई के खेत में डाले
3. अदरक का घुन क्लोरोपाइरिफॉस  (5%)धूल 25किग्रा/हे. वुवाई के खेत में डाले
4. हल्दी कन्द शल्क क्लोरोपाइरिफॉस  (5%) 25किग्रा/हे. वुवाई के खेत में डाले
5. नाइजर शल्क क्विनालफॉस  धूल 20 मिनट तक कन्दों को वोने और भण्डारन के पहले उपचारित करे
6. इलायची थ्रिप्स डाइमेथोएट 2 मिली /ली. पानी के साथ छिडकाव करें
7. तना छेदक डाइमेथोएट 2 मिली / ली. पानी के साथ छिडकाव करें
8. पत्ती मोडक डाइमेथोएट 2 मिली / ली. पानी के साथ छिडकाव करें

 

 

Source-

  • mpkrishi.mp.gov.in

 

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