अंगूर की किस्में

अंगूर की किस्में इस प्रकार है:-

१.पूसा सीडलेस

वंशावलीः  थाॅमसन सीडलेस से प्रतिरूप चयनित किस्म

विमोचन वर्षः  1970 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)

अनुमोदित क्षेत्रः  उत्तर भारत मैदानी क्षेत्र

औसत उपजः  8-10 कि.ग्रा. प्रति बेल (हैड पद्धति पर)

विशेषताएंः  लम्बे गुच्छे, सुनहरे पीले फल उत्तर भारत में फल पकने का समय जून का प्रथम सप्ताह। फल गुच्छे मध्यम(500 -750 ग्राम), लम्बे  बेलनाकार  एवं  बीजरहित,  उच्च  सकल घुलनशील ठोस पदार्थ युक्त (22 से व24 बिक्रस)। दान  अण्डाकार तथा हरा पीलापन लिए हुए। फल खाने तथा किशमिश बनाने के लिए   उपयुक्त, जिबै्रलिक अम्ल के प्रति अति संवेदनशील।

 

२.पूसा नवरंग

वंशावलीः  मेडेलीन एन्जेवाइन  रूबी रेड

विमोचन वर्षः  1996  (एस.वी.आर.सी.,  दिल्ली)

अनुमोदित क्षेत्रः  उत्तरी मैदान एवं मध्य भारत

औसत उपजः  10-12 कि.ग्रा. प्रति बेल (हैड पद्धति पर)

विशेषताएंः  जल्दी पकने वाली (उत्तर भारत में जून का प्रथम सप्ताह) एवं निचली गांठों पर फलने वाली (4 से 6 गांठ) टेनट्यूरियर किस्म। छिलका तथा गुदा दोनों में लाल रंजक प्रदार्थ होती  है,  तथा  एन्टीआॅक्सीडैन्ट  पदार्थों  से  परिपूर्ण। मध्यम आकार के ढीले गुच्छे, फलों का आकार मध्यम। रंगीन पेय पदार्थ एवं मदिरा बनाने हेतु उपयुक्त। ऐन्थ्रैक्नोज रोग के प्रति अवरोधी।

 

३.पूसा उर्वशी

वंशावलीः  हूर ब्यूटी सीडलेस

विमोचन वर्षः  1996 (एस.वी.आर.सी., दिल्ली)

अनुमोदित क्षेत्रः  उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्र एवं मध्य भारत

औसत उपजः  10-12 कि.ग्रा. प्रति बेल (हैड पद्धति पर)

विशेषताएंः  जल्दी पकने वाली (उत्तर भारत में जून का प्रथम  सप्ताह)  आधारीय  गांठों  पर  फलने  वाली (4 से 6 गांठें) किस्म। मध्यम आकार के ढीले गुच्छे, दाने बीज रहित तथा पीले – हरे रंग के। सकल घुलनशील ठोस पदार्थ (20 से व22 ब्रिक्स)  तथा  ताजा  खाने  हेतु  एवं  किशमिश बनाने हेतु उपयुक्त। एन्थ्राक्नोज एवं पाउड्री मिल्ड्यु के प्रति सहनशील।

 

Source-

  • Indian Agricultural Research Institute.
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